सर्वशक्तिमान ईश्वर

1️⃣4️⃣❗0️⃣8️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
☘️ सर्वशक्तिमान ईश्वर ☘️

एक राजा अपनी वीरता और सुशासन के लिए प्रसिद्ध था।
.
एक बार वह अपने गुरु के साथ भ्रमण कर रहा था, राज्य की समृद्धि और खुशहाली देख कर उसके भीतर घमंड के भाव आने लगे और वह मन ही मन सोचने लगा…
.
‘‘सचमुच, मैं एक महान राजा हूँ, मैं कितने अच्छे से अपनी प्रजा की देखभाल करता हूँ। मेरे जरिये कितने लोगों का पालन-पोषण होता है।’’
.
गुरु सर्वज्ञानी थे, वे तुरंत ही अपने शिष्य के भावों को समझ गए और तत्काल उसे सुधारने का निर्णय लिया।
.
रास्ते में ही एक बड़ा-सा पत्थर पड़ा था, गुरु जी ने सैनिकों को उसे तोडऩे का निर्देश दिया।
.
जैसे ही सैनिकों ने पत्थर के दो टुकड़े किए एक अविश्वसनीय दृश्य दिखा…
.
पत्थर के बीचो-बीच कुछ पानी जमा था और उसमें एक छोटा-सा मेंढक रह रहा था।
.
पत्थर टूटते ही वह अपनी कैद से निकल कर भागा। सब अचरज में थे कि आखिर वह इस तरह कैसे कैद हो गया और इस स्थिति में भी वह अब तक जीवित कैसे था?
.
अब गुरु जी राजा की तरफ पलटे और पूछा.. अगर आप ऐसा सोचते हैं कि आप ही इस राज्य में हर किसी का ध्यान रख रहे हैं..
.
सबको पाल-पोस रहे हैं तो बताइए पत्थरों के बीच फंसे उस मेंढक का ध्यान कौन रख रहा था..?
.
बताइए कौन है इस मेंढक का रखवाला?
.
राजा को अपनी गलती का अहसास हो चुका था,उसे अपने अभिमान पर पछतावा होने लगा।
.
गुरु की कृपा से वे जान चुका था कि वह ईश्वर ही हैं जिसने हर एक जीव को बनाया है और वही हैं जो सबका ध्यान रखते हैं।
.
कई बार अच्छा काम करने पर मिलने वाले यश और प्रसिद्धि से लोगों के मन में अहंकार घर कर जाता है और अंतत: यही उनके अपयश और दुर्गति का कारण बनता है।
.
अत: हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम चाहे इस जीवन में किसी भी मुकाम पर पहुंच जाएं कभी घमंड न करें और सदा अपने अर्थपूर्ण जीवन के लिए उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के कृतज्ञ रहें..!!
🙏🌹जय श्री कृष्ण🌹🙏🏻

Updated: August 14, 2024 — 9:07 am

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *